जहर नशे का
जहर नशे का
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इस जहर को पीने वाले
होते बुद्धिहीन कमजोर
मानव जन्म पाकर भी
डर जाते संघर्ष से
अकर्मण्य आलसी होकर
जी चुराते कर्म से।
मौत जब आती सिर पर
तब डरते घबराते हैं
चक्कर लगा चिकित्सकों के
अंत समय पछताते हैं।
होते दोनों ही दोषी
पीने और बनाने वाले
सर्वनाश कर जीवन का
सर्व सुख हरने वाले
जो करे प्राण की रक्षा
होता वही महान है।
बुद्धिमान ज्ञानी के आगे
झुकता सारा जहान है।
पीकर इस जहर को
क्यों लेते हो अपनी जान ?
हिम्मत है तो करो न्यौछावर
मातृभूमि पर अपने प्राण।