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Pankaj Kumar

Others

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Pankaj Kumar

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जब भी बारिश आये

जब भी बारिश आये

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खिल गए सब फूल और कलियाँ 

हर तरफ हरियाली 

धुल गए सब पत्ते भूट्टे 

धुल गयी डाली डाली 

रंग बिरंगे फूलों से

हर गुलशन है महकाये 

बूंदे करती रिम झिम रिम झिम 

जब भी बारिश आये 


कोयल कूके बागों में 

मयूर नाचे पंख फैलाये 

बारिश से बचते फिरते 

सब पंछी छिपते जाये 

तालाब कुएँ सब भरे भरे 

कल कल करती नदिया बहती जाये 

बूंदे करती रिम झिम रिम झिम 

जब भी बारिश आये 


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