जागरूकता
जागरूकता
1 min
193
यारों अपना हाल अब ऐसा हो गया
अपने ही किए पर अब सिर धुन रहा।
जो सुन्दर पृथ्वी पूर्वजों ने बसाई
वो मानव ने स्वार्थ की है भेंट चढ़ाई।
हरियाली तो मानो जैसे हवा हो गई
किताबों व पोस्टरों की शोभा बन गई ।
प्रदूषण का प्रभाव वातावरण को खा रहा
स्वच्छ वायु ,साँस लेना भी दूभर हो रहा।
अभियान चाहें हम कितने भी चलाएँ
प्रदूषण के दानव को कैसे भगाएँ!
यह प्रदूषण का दानव तभी भगा पाएँगे
जब स्वयं को स्वच्छता का अनुयायी बनाएँगे।
घर से जब शुरू हो जाएगी सफाई
तब समझो सही अर्थों में जागरूकता आई।