जादूगर ऋतुराज ने
जादूगर ऋतुराज ने
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जादूगर ऋतुराज ने, ऐसी छेड़ी बीन।
सिग धरती पर बिछ गया, फूलों का कालीन।
फूलों का कालीन, खेत में सरसों झूमे।
भंवरे हुए किशोर, मचलती कलियाँ चूमे।
मन मयूर कर दिया, फागुनी मेघ गाज ने।
मन आह्लादित किया, जादूगर ऋतुराज ने।