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SUNIL JI GARG

Children Stories

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SUNIL JI GARG

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जाड़े का मौसम

जाड़े का मौसम

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आ गया जाड़े का मौसम

एसी कूलर सब हो गए बंद

सब्जी फल आ गए ढेर से

बयार बह रही है मंद मंद


फूल खिले गमलों में सुंदर

डायंथिस, डेहलिया, पिटुनिया

तितलियां घूमती इधर उधर

उनके पीछे भागती मुनिया


पार्कों में अब दिन में भी

मस्त धूप सेंकते हैं आजकल

सुबह सुबह तो कोहरा होता

मॉर्निंग वॉक को न चल न चल


दफ्तर, स्कूल अपना समय

थोड़ा सा आगे बढ़ाते हैं

ठंडी जगह जो लोग न रहते

इस बात को समझ न पाते हैं


हीटर ब्लोअर अब लगे चलाने

आखिर महीना दिसंबर का

स्वेटर कोट पहन कर निकलें

ध्यान रखना है अपने शरीर का


नानी ने अब उन मंगाकर

पिंकी का स्वेटर शुरु किया

मम्मी उनको कहतीं रहीं

अरे कहे इतना कष्ट किया


हर मौसम के अपने मजे हैं

सर्दी से थोड़ा ज्यादा प्यार

गर्मियों में कुछ ज्यादा ही

झेलनी पड़ती मौसम की मार


अब सब बच्चों रखना ध्यान

टोपा, मफलर पहन के रहना

क्रिसमस नए साल पर निकलना

गाना गाना और डांस भी करना।



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