इतवार
इतवार
स्त्री के हिस्से में क्या कभी इतवार आयेगा
क्या कभी उसके लिए कोई नाश्ता बनायेगा
क्या कभी उसे पूरा अनुपमा अरे वही जो
इतवार के दिन पूरे हफ्ते का आता है
बेफिक्र होकर देखने को मिलेगा
आब आप कहेंगे अच्छे भले परिवार में
काहे की टेंशन
स्त्री की टेंशन ऐसी टेंशन जैसे कि
इतवार के दिन बच्चे की कोचिंग से पहले नाश्ता बनाना
इतवार के अखबार के साथ चाय सर्व करना
इतवार और इतवार के दिन बच्चों के नखरे
कुछ स्पेशल बनाने के इतवार के दिन सभी की इच्छा
सभी को आराम मिल जाये और स्त्री को रोबोट बना दिया जाये
कोई ऐसा जान बुझकर नहीं करता
बस सब इतना सोच ले कि मिलकर काम खत्म कर ले तो स्त्री के काम है
हाथ बटा दे तो स्त्री को भी आराम मिल जाये
शायद इसी सोच से स्त्री के हिस्से में इतवार आ जाये
और इसी सोच से आपकी तारीफ हो जाये।
