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Neerja Sharma

Others

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Neerja Sharma

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इतवार

इतवार

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पूरे हफ्ते के 

इंतज़ार के बाद 

आता है एक इतवार 

पर शाम कब हो जाती 

यह पता ही नहीं चलता यार।


क्या -क्या सोचा

क्या - क्या किया

कुछ अधूरे पूरे करने 

कुछ हफ्ते की तैयारी 

सब यूँ ही रह गई सारी ।


पता नहीं यह इतवार

इतनी जल्दी 

क्यों बीत जाता 

सुबह देरी से क्या उठे

दिन हाथ से फिसल जाता ।


मन में 

अगले इतवार का ख्याल

आने लगता बार -बार

नहीं देर से उठूँगी

ठानती बार- बार।


मन भी बड़ा अजीब 

कलटी मार जाता 

अगले इतवार की सुबह

बिस्तर से न उठा जाता 

फिर वही ढाक के तीन पात।



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