ईमानदारी
ईमानदारी
मंडरा रही थी सिर पर परीक्षा
विषय थे भरकम भारी
मौज मस्ती में आयाम की हो नहीं पाई तैयारी
सोचा अभी बहुत टाइम है, ऐसी क्या है मारा मारी
इम्तिहान के कुछ दिन पहले, तबीयत बिगड़ी सारी
फंस गए आयाम, बड़ी उसकी परेशानी
समय था कम, पुस्तक थी भारी
ऊपर से लगी कोविड की बीमारी
पूरी नहीं हुई तैयारी, इतनी थी कमजोरी
परीक्षा में नकल करने की दोस्तों ने करी ज़ोरा ज़ोरी
कम नम्बर मंजूर थे, नकल की बदनामी से
आयाम ने दिखाई चरित्र की मज़बूती ईमानदारी से
टीचर ने कम नम्बरों की लगायी हड़कार
माता - पिता बोले हमें नकल से कम नम्बर हैं स्वीकार।
सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए बहुत है ज़रूरी
जी जान से करो मेहनत और दिखाओ ईमानदारी।
