हत्यारे।
हत्यारे।
आज चारों तरफ है हाहाकार,
कैसे हो गया परियावरण का
इतना सत्यानाश,
हर बच्चा जन्म से ही
किसी न किसी बीमारी का शिकार,
अगर ये है सच,
फिर तो जन्म लेना ही दुविधा का काम।
इन सब के हत्यारे हम लोग,
जिन्होंने डाले स्वच्छ पर्यावरण में दोष,
हमसब अपने छोटे छोटे फायदे के लिए,
करते पर्यावरण पे चोट,
जिसका सीधा असर होता प्रकृति पर,
और प्रकृति लेती उग्र रुप धारण कर,
कहीं आती बाढ़,
कहीं अधिक बर्षा,
कहीं हवा, पानी खराब,
ये ले लेता विनाश आकार,
हर जानलेवा वस्तु को कर देता नष्ट।
चलो सब मिलकर आगे आएं,
सख्त से सख्त कानून बनाएं,
सारी दुनिया पे लागू करवाएं,
करो तरक्की का वही काम,
जिससे हमारे पर्यावरण का न हो नुकसान।
