हरियाली
हरियाली
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सावन की छटा निराली,
छाई है कैसी हरियाली।
पेड़-पेड़ और डाली-डाली,
झूम रही धानों की बाली।
आसमान में छाई बदली,
मोरनी नाच रही मतवाली ।
प्रकृति की है शोभा निराली,
छाए जब उन पर हरियाली।
गीत गाए दादुर की टोली,
मन भाए झिंगुर की बोली।