हर कर्तव्य अपना निभाया है
हर कर्तव्य अपना निभाया है
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मैंने जीवन के हर मोड़ पर अपना कर्तव्य निभाया है
जीवन में हर पल कुछ खोया तो कुछ पाया है
बेटी दोस्त बहन नाती पोती बुआ माँसी हर रिश्ते को दिल से निभाया है
आज जीवन के एक पड़ाव के बाद इस बात को जाना
कर्तव्य निभाते निभाते कही अपनी खुशी मत भूल जाना
एक बेटी चाहे माता-पिता के लिए कितना करे लोग कहे पराया धन है
एक बहु ससुराल में कितना करें सब कहे ये पराये घर से आई
आज तक पता नही नारी अपना हर कर्तव्य निभाकर अपना घर ले पाई
