होंठ मेरे किताबों के पृष्ठ हैं
होंठ मेरे किताबों के पृष्ठ हैं
1 min
278
मैं बैठा हूँ
थका हुआ
दुनिया के उजाड़ में
कुछ इस तरह....
जिस तरह रहते हैं
पढ़े हुए शब्द
थके -हारे
किताबों में
चुपचाप
किसी युवती की
सगाई की तरह ....