होली के रंग
होली के रंग
सारे रंग मिलकर बन जाते है नया रंग,
नीला पीला हरा आसमानी सब एक संग।
जिसके भी गालों पर सजे मुस्कान आती है,
माथे पर सजते ही गौरव बढा़ते हैं।
साल में ये रंग खुशियाँ लेकर आते हैं
पुनः सभी को एकता का सूत्र दे जाते हैं।
सारे रंग मिलकर ---------------
नीला हरा पीला -----------------
माँ जब रंग लगाती है वात्सल्य प्रेम छलकता है,
बहन के रंग में नटखट बचपना दिखता है।
पिता के रंग में छाया की अनुभूति होती है,
दादी के रंग में परंपरायें मिलती हैं।
सारे रंग मिलकर --------------------
नीला हरा पीला --------------------
प्रेमी का गुलाल रंगो की बहार सजाती है,
चुनर भी अपने रंग में इतराती है।
पति का रंग प्रेम हँसी ठिठोला का सावन है,
मौसम तो बहुत आते हैं पर सावन मनभावन है।
सारे रंग मिलकर ------------------------------
नीला हरा पीला ----------------------
होली भिगाती है तन मन अंतस को,
जीवन का हर क्षण फाल्गुन वसंत हो
दूर रहकर भी अपने अपनों की अहसास देते रहें,
होली के रंग जैसे सदा हम मिलते रहें।
सारे रंग मिलकर ----------------------
नील हरा पीला ---------------------