होली के रंग
होली के रंग
मैं तो भीगी पिया जी के रंग, खुशियाँ छाई अंग अंग में
मन श्याम तन वृन्दावन, भीगा संसार होली के रंग में।
रंग भरो प्यार के,होली के त्यौहार में।
ईर्ष्या,द्वेष का दहन हो,प्यार के बौछार में।
गिले-शिकवे मतभेद मिटाकर,खुशियों की भरें झोली।
चलो आज से बोलें प्रेम की बोली,खेलें प्यार भरी होली।
खुशियों की आये बहार, बहे प्यार की बयार।
अबीर गुलाल के रंगों सा, खुशहाल हो संसार।
व्यसनमुक्त,प्रेम सहित,हो जीवन उमंग में।
मैं तो भीगी................
मन श्याम..................
सदियों की परम्परा, फागुन झूम के आया है।
मधुमास की चाँदनी रात में,मन यूँ शरमाया है।
राग,फ़ाग,रस, रंग, नीला,पीला,लाल,गुलाबी।
सबके जीवन में रंग भरने का मौसम सुहाना आया है।
राधा संग गोपियों को,रास बिहारी भाया है।
मधुमास की शुभ बेला है,प्रेम का त्यौहार आया है।
नाचे राधा कृष्ण संग, ताल पर ढोल, तासे और मृदंग में।
मैं तो भीगी......................
मन श्याम.......................
