होली का उत्सव
होली का उत्सव
मै और मेरा दोस्त होली को लेकर बहुत उत्साहित थे। हमे इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। हम दोनों होली का उत्सव बहुत धूधाम से मनाते थे। हमने सारी तैयारी कर रखी थी। मेरे और मेरे दोस्त की योजना थी कि होली के दिन अपने घर परिवार वालों का मुंह रंगकर अपने दोस्तों को टंकी में डालकर रंग लगाएंगे। हम दोनों अपने घरवालों को रंगकर बाहर निकले ही थे कि हमारे दोस्तो की टोली हम पर टूट पड़ी। हम कुछ समझ पाते तब तक रंग चुके थे। हमारे दोस्तों की योजना हम दोनों पर भारी पड़ गई और फिर हम सब टंकी में खूब नहाए और रंग से लाल होकर घर पहुंचे। घर में हमको स्वादिष्ट व्यंजन भी नहीं मिला। सबने हमे घर से बाहर निकाल दिया क्योंकि हम दोनों घरवालों को रंगकर बाहर गए थे। होली चाहे जैसी भी मनी हों वो दिन जब भी याद आते है चेहरे पे मुस्कान आ ही जाती है।
