हो सके तो, दो आंसू ही सही
हो सके तो, दो आंसू ही सही
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इतने सूखे पत्ते रास्ते मे भरे पडे हैं
जो कभी हरे थे।
इन पत्तों को, कौन याद रखता है भला,
कभी गलती से याद भी आए ,
दो अनमोल आंसू भी नसीब में हो, या ना हो।
