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jagjit singh

Others

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jagjit singh

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सीखा

सीखा

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या यूं समझ लेना जिस क्षण से हँसना छोड़ दिए, जीना छोड़ दिए। 

जो अक्सर, हर शख्स को तमाचा जैसा, एक दम से महसूस होता है। 

तब से, जीते तो है,  पता नहीं किस लिए। 


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