हमारा काम-हमारा आनंद
हमारा काम-हमारा आनंद
देखते हैं अक्सर और महसूस करते हैं रोज़,
आनंद बिना काम सदा हमें लगता है बोझ।
काम हम वही करें जो हमको हो पसंद,
काम पसंदीदा है तभी तो आएगा आनंद।
आनंद संग करने पर ही हो पाता है बेहतर काम,
काम होगा बेहतरीन तो रोशन होगा अपना नाम।
आत्म संतुष्टि हमें मिलेगी जो है एक उत्कृष्ट इनाम,
स्वान्त सुखाय काम करने पर अच्छी ना लागे आराम।
ईमानदारी है रखनी सदा काम न हो रत्ती भर कम,
छूटे नहीं कमी कोई भी तो सवा गुना ही लगाएं दम।
विशेष प्रयोजन साधने के हित प्रभु ने हमको भेजा यहां,
सिद्ध प्रयोजन होने से पहले हमको हो फिर चैन कहाॅ॑।
मनोयोग से काम सीखकर भली-भांति देवें अंजाम,
हो कल्याण जगत का जिनसे सदा करें हम ऐसे काम।
