Rajit ram Ranjan

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Rajit ram Ranjan

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हम रात भर फोन लगाते रहे

हम रात भर फोन लगाते रहे

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वो नींद में मस्त थे, 

हम अपनी नींद 

गंवाते रहे, 

सपनों कि दुनिया में 

वो किसी और के 

साथ महल बनाते रहे, 

ऐसे ही पागलों की

तरह शरमाते रहे, 

हम रात भर फोन

लगाते रहे... !


अब तो फोन उठेगा, 

इसी आस, उम्मीद में, 

हम मुस्कराते रहे, 

आधी रात बीत गई, 


कुछ समझ ही नहीं 

आ रहा था, 

हम अपनी आँखों को 

पानी से भीगा - भीगाकर 

जगाते रहे, 

हिम्मत हार के भी 

हिम्मत जुटाते रहे,

हम रात भर फोन लगाते रहे !



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