हम हैं हिंद की सशक्त नारियाँ
हम हैं हिंद की सशक्त नारियाँ
ऊर्जावान भारत की हम हैं सशक्त नारियाँ
साहस से लाँघी हैं हमने चार दीवारियाँ
जल - थल - नभ पर हमने की पुरुषों से बराबरी
संविधान की समानता की हम हैं अधिकारी
चुप रहो , सहो , कुछ न कहो की बेड़ियाँ तोड़ रहीं।
अपनी गौरव गाथा खुद लिख के हवा का रुख मोड़ रहीं
आजादी की आवाज बन कर अधिकार जता रहीं
स्वावलंबी बन के देश की तस्वीर बदल रहीं।
धड़कनों को धड़कनें देती हम हिन्द की नारियाँ
बेटी बन के महकाती घर - जग - आँगन की क्यारियाँ
बहन बन के भाई की कलाई पर बाँधती हैं राखी
ईश के रूप में धरती पर आती है माँ हमारी।
वक्त आने पर बन जाती है झाँसी की रानी
अंगारों से भरी राहों पर बन जाती है दामिनी
सीता की धैर्य - क्षमा बन देती है अग्नि परीक्षा
आदिशक्ति बनके माता पूरी करती हर इच्छा।
नारी शक्ति रुढ़ियों की सीमा रेखा को है लांघ रहीं
दृढ संकल्पों की शक्ति से असंभव को संभव कर रहीं
माटुंगा स्टेशन पर सारी कर्मचारी हैं नारियाँ
दंतेवाड़ा में ई रिक्शा चालक हैं आदिवासी नारियाँ।
वेद, पुराण , ग्रन्थ सारे गाते नारियों का बखान
नारी से ही नर हैं जन्मते ध्रुव , प्रह्लाद समान
नारी है रत्नों की खान करे न कोई अपमान
आत्मबल के अंगद पाँव से बनाती जग में पहचान।
मुद्रा – उज्ज्वला योजना स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल
अबला नहीं सबला है प्रतिभाएं उसकी बेमिसाल
गीता , सानिया , साइना, सिन्धु , दीपा खेलों की शान
अवनि , भावना , मोहना ने थामी वायु सेना कमान।
मायके को महका के बेटियाँ महकाती हैं ससुराल
बहन , बेटी ,माँ , पत्नी बन फर्ज निभाती सालों साल
दो वंश जोड़कर वंश वृद्धि का मिला है
वरकुल निशानी को खून से सींच के पालती है संतान।
“ वाह बुमेनिया “ की बैंड बनाकर धूम मचा रहीं
“ सीमा भवानी “ के स्टंट से अपनी शक्ति दिखा रहीं
“ बेटी बचाओ – पढ़ाओ “ से डिजिटल भारत बना रहीं
उपहारों में “ राज श्री “ का मान – सम्मान पा रहीं।
मंजिल पाने महिला सशक्तिकरण की दौड़ है जारी
हाशिए रही महिलाएँ विश्व पटल पर हैं छा रहीं
देश की रक्षा हेतु वीर बालाएँ फौज में जा रहीं
वर्जनाएँ तोड़ कर कामयाबी का झंडा फहरा रहीं।
मीरा , सुभद्रा , महादेवी , अमृता की कलम गा रहीं
कलम उठा के अपना अस्तित्व “ मंजु “ जता रही
है ख्वाइश मेरी मिट्टी मेरे वतन की मिट्टी में मिले
बेटी का ले के पुनर्जन्म भारत माँ को लगाऊं गले।
