हकीकत में
हकीकत में

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ख्वाबो में बसाया है कई बार तेरे संग अपना एक घरोंदा
प्यारा सा वो घरोंदा अपना प्यारा सा आशियाना
ना ही वादा तोड़ते हो तुम ना ही वादा निभाते हो
कब बनायेगे हम हकीकत में वो घरोंदा
तेरी हर बात पर है भरोसा हमको पर तकदीर पर नही
इसलिए अब दिल कुछ उदास सा हो गया है
जब भी मिलते हो हमसे बस इन्तेजार थोड़ा करो कहते हो
इन्तेजार की यह घड़िया हो गयी है बहुत लंबी
लगता है बनवास हमको ये इन्तेजार तेरा करना
जाने कब खत्म होगा ये बनवास हमारे दरमियान