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Sundar lal Dadsena madhur

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Sundar lal Dadsena madhur

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हे शिव शम्भू

हे शिव शम्भू

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हे शिव शम्भू तांडवकर्ता।

जगपालक हो जगकर्ता।

मात पार्वती तुम्हारी भार्या।

पूत तुम्हारे कार्तिक विघ्नहर्ता।1।

शिव सत्य शिव नाम अनंता।

मैं शरण आया तुम्हारे भगवंता।

शिव अनादि ओंकार स्वरूपा।

आप ही हो प्रभु परम ब्रम्ह संता।2।

जटा में गंगा,गले में नाग की माला।

नंदी की सवारी,करे तांडव ज्वाला।

हाथ त्रिशूल कमण्डल,त्रिनेत्र धारी।

नीलकंठ जो पीए विष का प्याला।3।

शिव आदि अनंत अगोचर परमेश्वर हैं।

शिव जगदीश्वर,अखिलेश्वर,भष्मेश्वर हैं।

करुणा निधान,विघ्नेश्वर,त्रयनेत्रेश्वर।

अकालमृत्यु रक्षक,औघड़दानी सर्वेश्वर हैं।4।


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