हौसले
हौसले
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हौसलों को कर बुलंद
चल दिये हम बन मलंग
अब ज़िंदगी की धूप मिले
या छाँव प्यार की मिले
राह पर हम चले चलें
मंज़िल की प्यास में
कहीं मन में है एक उमंग
कोई हमसफर भी हो संग
जिससे विचारधारा मिले
हौसलों को नया सहारा मिले
ले खुशी का ये कारवां हम चले चलें
मंज़िल की आस में
जब कुछ करे उम्मीदों को भंग
कर हौसले से उससे जंग
जिससे नया दृष्टिकोण मिले
अंतरमन प्रफुल्लित हो खिले
ले भीतर ये रोशनी हम चले चलें
मंज़िल के पास में।