हैरत
हैरत
कुछ मुशरिक अब मुझको इमान सिखा रहे है
चंद जाहिल लोग अब मुझको इस्लाम सिखा रहे है
आलिम की अलामत से में वाकिफ हूँ दरअसल
गुमराह है वो खुद से और मुझे राह दिखा रहे है
मान भी लूँ में शायद उनकी बात को लेकिन
खुद इब्लीस हो कर मुझको वो आदम सिखा रहे है
न पढ़ा है अब तक अलिफ़ भी सफ़्हाखोल के शायद
मसनूई हाफिज़ कुफ्र सरे आम सिखा रहे है
न हो हैरत इस बात पर तो ये बात हैरत की है
बेज़बानहो कर इम्रान को तलफ़्फ़ुज़ सिखा रहे है
( · हैरत - आश्चर्य
· मुशरिक – जो बाहिर से मुस्लमान दिखे लेकिन दिल में ईमान न हो
· जाहिल – अज्ञानी
· आलिम –ज्ञानी (धार्मिक) गुरु
· अलामत – निशानी
· गुमराह - पथभ्रष्ट
· इब्लीस – शैतान का नाम जिसने अल्लाह के आदेश का उल्लंघन किया था
· आदम - अल्लाह पयगम्बर और दुनिया के पहेले आदमी जिनको बुध्धिफल खाने के अपराध में स्वर्ग छोड़ने की सज़ा मिली· अलिफ़ : अरबी ज़बान का पहला अक्षर· सफ़्हा : पन्ना (Page)
· मसनूई : कृत्रिम (Artificial)
· हाफिज़ : जिसे (कुरान) कंठस्थ है, हिफाज़त करने वाला· कुफ्र : गलत काम जो इस्लाम के भी विरुध्द हो
· तलफ़्फ़ुज़ : उच्चारण)
