हारना नहीं है
हारना नहीं है

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तू गिर, उठ, आगे बढ़,
तू अपना नाम बना
तू रख भरोसा खुद पे,
तू अपनी पहचान बना!
मैंने कई मुसाफिरों को,
मंजिल के बहुत करीब से लौटते देखा है,
नामुमकिन नहीं है मंजिल पाना,
तू उसको पाने में जी जान लगा