हाइकु
हाइकु
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत करने की परंपरा होती है... इस दिन शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट के पेड़ की पूजा भी करती हैं. इस व्रत का महत्व करवा चौथ जैसा ही है...आज ज्येष्ठ की अमावस्या है.. आज के दिन वट सावित्री की पूजा में बरगद को पंखे से हवा दी जाती है.. पर्यावरण रक्षा हेतु बरगद को बचाने का मुहिम माना जाना जा सकता है ज्येष्ठ में सबसे ज्यादा गर्मी होने की वजह से मुझे ऐसा लगा
बेना की हवा
बरगद को मिले–
ज्येष्ठ की अमा
या
बेना को देख
पति का मुस्कुराना–
वट सावित्री
दिल यक़ीन करना चाहता है
सावित्री सत्यवान के प्रेम को।
किसी ने कहा स्त्रियों के हिस्से ही
क्यों आया सारे तप त्याग व्रत साधना।
धुरी-नींव को जो मजबूती चाहिए
वो स्त्रीलिंग होने के आधार में है।
वैसों के समझ में कहाँ है यह मान लेना।
दिमाग पर्यावरण बचाओ का समर्थक हो रहा
पूजा के ध्येय से तोड़ी टहनी पर
चीखने का जी करता है।
