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Hemant Kumar Saxena

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Hemant Kumar Saxena

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गुरु का आदर

गुरु का आदर

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मैं गुरुवर का अटूट 

सम्मान करता हूँ 

गुरुवर के चरणों में। 

मैं प्रणाम करता हूँ 


दिखाओ मंजिल ज्ञान की

मुझे भी हे गुरुवर 

नाव मझधार में है मेरी

पार लगाने का आपसे

इजहार करता हूँ। 


मैं तो हूँ नादान गुरूवर 

मुझ को गले लगा लेना

माफ कर मेरी नादानियाँ

मुझे ज्ञान का मार्ग दिखा देना।


आप की ही कृपा से ये

संसार बुद्धिमान है

आपकी कृपा बिना 

दुनिया ये अंधकार है।

 

अंधकार रूपी दुनिया से

गुरूवर मुझे बचा लेना 

ज्ञान का दे प्रकाश प्रभु 

ज्ञानी मुझे बना देना।


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