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Tushar Rastogi

Others

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Tushar Rastogi

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गुलबन कर गया

गुलबन कर गया

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रौशन चरागों को मेरा नसीब कर गया
ख़ुदा शायद मुझे ख़ुशनसीब कर गया

 

मंज़िलों के रास्ते मेरे आसान कर गया
हर एक मरासिम वो मेरे नाम कर गया

ज़र्रा-ज़र्रा महक उठा जिसकी ख़ुशबू से
है कौन जो शामों को सरनाम कर गया

बहक रहा हूँ अब भी मैं अरमानों में तर
वो फ़रिश्ता नज़रों से दिल में उतर गया

सजा कर राह में 'निर्जन' गुंचा-ए-ग़ुलाब
मेरा दिलबर मेरी राहें गुलबन कर गया

मरासिम - रिश्ते / Relations
गुलबन - ग़ुलाब की झाड़ी / Rosebush

#तुषारराजरस्तोगी


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