दिलजला के उसको याद किया
दिलजला के उसको याद किया
दिल जला के उसको याद किया
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तनहा बेचैन काली रातों में
कुछ लम्हों को आबाद किया
अदना इस दिल को शाद किया
दिल जला के उसको याद किया
चाहत से भरे उस सागर में
बहती लहरों की गागर में
अपने दिल को आज़ाद किया
दिल जला के उसको याद किया
उन मतवाली रातों में
उसकी नशीली बातों में
चुप रहकर खुद को बर्बाद किया
दिल जला के उसको याद किया
एकनज़रजबउसकोदेखा
दिल जिगर चाहत में फेंका
जा मस्जिद में फ़रियाद किया
दिलजला के उसको याद किया
इस जीवन के बहीखातों में
उन बीते ख्वाबों और रातों में
जाग खुद अपने से बात किया
दिलजला के उसको याद किया
उन कलियों के खिलने से पहले
उन गलियों में मिलने से पहले
आशिक दिल ही दिल आबाद हुआ
दिल जला के उसको याद किया
--- तुषारराजरस्तोगी ---