गर्व मुझे है
गर्व मुझे है
कोई ऐसा पल नही जब मुझको
अफसोस हो,
कि क्यों इस देश मे पैदा हुई मैं,
मुझको तो है गर्व कि मैं हूँ हिन्द की बेटी,
इस धरती से है लगाव मुझे,
इस धरती से है प्यार मुझे,
जान भी हँसते हँसते कर दे हम निसार।
मानवता आज भी जिंदा है यहाँ,
अलग अलग धर्मों के लोग बसते यहाँ,
रहते हैं मिल जुलकर भाई भाई की तरह,
थोड़ी सी नोक झोंक तो होती है हर घर हर देश में,
फिर भी लगे मुझे सबसे प्यारा मेरा हिंदुस्तान।
देश की खातिर ये सैनिक अपनी नींदे कुर्बान करते हैं ,
धूप छावं बारिश की नहीम करते ये परवाह,
ठिठुरती हुई ठंड में भी ये अपना हर फ़र्ज़ निभाते हैं,
चैन की नींद हम आज सोते हैं और ये रातो को जागते हैं,
देश के रक्षक हैं ऐसे वीर जिनको देख कर,
हर पल होता है गर्व मुझे कि मैं हूँ हिंदुस्तानी।
जब भी आता है आज़ादी का दिन
याद आ जाती है वो कुर्बानियां,
जो हमारे शहीदों ने दी थी आज़ाद हमको करवाया था,
भगत सिंह राजगुरु सुखदेव के नाम याद आ जाते,
बापू नेहरू की कुर्बानियाँ चंद्रशेखर आज़ाद और सुभाष चंद्र बोस याद आ जाते,
जीते हैं आज हम शान से ये सब है इनकी मेहरबानियां,
गर्व मुझे होता है कि हम है आज़ाद आज नही ग़ुलाम किसी के।
रहते हैं हिन्द में ही हम खुश होकर,
नहीं कोई इच्छा कोई और देश घूमने की,
हमको लगे प्यारा हमारा हिंदुस्तान,
है एक इच्छा की जब भी हो जन्म इस धरती पर तो बस हो हिंदुस्तान में ।
