गलियों का दर्द
गलियों का दर्द
हर गली हर मोड़ कह रही अपनी ही जुबानी है।
कभी गलियां बनारस की शान हुआ करती थी
कभी यह संकरी तो कभी लंबी हुआ करती थी
सही मायने में यह काशी की मान सम्मान हुआ करती थी।
गलियां हमे अपने घर तक पहुंचाती हैं
हर गली एक दूसरे को जोड़ते हुए रिश्तो को जोड़े रखने का सलीका बताती है।
गलियां हमे जिंदगी में ठहराव का महत्व भी बताती हैं
गलियों के दर्द को कौन समझ पाया है
जिसने देखा बस गली को पत्थर ही समझ पाया है
अब गली में घुसते हुए वो बिस्मिल्ला शाह की शहनाई की धुन नही सुनाती
अब जब गली में घुसो बनारसी साड़ी के बुनकरों की आवाज नहीं आती
बनारस की गलियों ने सबको लुभाया है
यही रहकर उमराव जान ने अपनी कला से सबको लुभाया है।
बनारस के ठाठ को भला अज्ञानी क्या समझ पाया है
बनारस की भुलभुलैया इसकी गलियों में समाया है।
इसकी रहस्यमय संस्कृति को आज बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने ना समझ पाया है
ये गलियां खुलती भी है और बंद भी हो जाती है
बनारसी गलियां बनारसी पान जैसे स्वादिष्ट होती है।
यह भारत ही नहीं पूरे विश्व में विख्यात हुआ करती है।
बनारस की गली हमे रोग व्याधि से महफूज रखा करती है।
यहां कोई बुरी बला तो क्या हवा भी बड़ी शांत होके प्रवेश किया करती है
बनारस की गलियां अतीत बयां करती है।
कभी यह इतिहास तो कभी भारतीय संस्कृति की कला शैली को बयां करती है।
बनारस की गलियां जीवन की कहानियां बया करती है।
कभी यह रुलाती तो कभी यह अट्टहास किया करती है
कभी यह गलियां किस्सा बताती है कभी यह गलियां गहरे रहस्यों के भेद को बताती है
कभी ये गलियां बाते किया करती है कभी ये उदास तो कभी महफिल भी गुलजार किया करती है
ये गलियां रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली गौरव को बयां करती है
ये गलियां प्रेमचंद्र जी की कहानियां जुबानी कह सुनाती है
ये गलियां हमे धर्म का वृतांत भी बयां करती है
मस्जिद वाली गली हमे अजान करके उठाती है
भोले बाबा की डमरू हमे दुष्टों का विध्वंस करना सिखाती है।
यहां हर गली मोड़ में भोले बाबा का मंदिर होता है
थोड़ा दूरी पर ही सामने मस्जिदों का दर्शन भी होता है।
यह गलियां प्राचीनतम भवनों की शैलियां बताती है
यही गलियां हमे कबीर दास के दोहे से परिचित कराती है।
अब यह गलियां स्तब्ध और खामोश नजर आती है।
विश्वनाथ गली कचौड़ी गली बनारस की जान हुआ करती थी
दालमंडी नंदनसाहू लेन भी व्यापारियों का मान हुआ करती थी
आज फिर से प्रशासन ने जेसिवी चलाया है।
हर गली हर भवन को तोड़ कर काशी की प्राचीनता मिटाया है
अब भारत सरकार के नेतृत्व में यह बदली नजर आती है।
अब यहां गलियों को तोड़ा जा रहा चौड़े सड़को से जोड़ा जा रहा है
अब भारत का सबसे प्राचीन राज्य बनारस को बदला जा रहा है
अब उसे इटली जैसे क्वांट्रो शहर की तरह हो जाए ऐसा सपना देखा जा रहा है।