Mistry Surendra Kumar
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ग़ुरूर तो हमें भी बहुत था अपनी ताकत का
लोग हमारी आहट से डरा करते थे,
जब से बदली है समय ने अपनी करवट,
आज हम अपनी ही आहट से डरा करते हैं।
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