घड़ी छोटी-सी कल है
घड़ी छोटी-सी कल है
जो हमको संस्पर्श कर रहा है वह पल है,
पल से पल का योग श्रंखलावत अविरल है ।१
जो प्रस्तुत है, वर्तमान है, वही आज है,
बीत चुका कल है, आने वाला भी कल है ।२
काल क्रमिक कल है, न आदि है अंत न कल का,
काल अगोचर अगम, काल विकराल प्रबल है ।३
'घटिका', 'घटी', 'घड़ी' है नाम समय-मापन का,
जो कि घड़े के जल से जुड़ी प्रविधि का फल है ।४
घट-जल विधि से जुड़ी घंट-ध्वनि की घंटा से,
सौर-चांद्र-दिन-पक्ष-मास गणना अविकल है ।५
आविष्कार विदेशों ने कर यंत्र बनाए,
जो कि एक से एक अनूठा और नवल है । ६
हमने यंत्र ख़रीद नाम रख लिए पुराने,
हमें पुरानी संस्कृति पर अभिमान अटल है ।७
यंत्र पराया, 'घड़ी' नाम है, घड़ा नहीं है,
'घड़ा' क्योंकि है बड़ा, 'घड़ी' छोटी-सी कल है ।८
