Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

Others

4.5  

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

Others

गैरों की क्या बात करें

गैरों की क्या बात करें

1 min
271


गैरों की क्या बात करें

अपने ही हुए पराये बैठे हैं

कल तक जो बातें करते थे

आज मुंह फुलाए बैठे हैं

हमें देख कभी जो मुस्काते थे

आज मुंह घुमाए बैठे हैं

पीड़ा में जिनकी हम सहभागी थे

वो आज हमारी पीड़ा बन बैठे हैं

जिनके गम में हम साये थे

हमारे ग़मों का समंदर बन बैठे हैं

जिनके सुख – दुःख के हम भागी थे

वे ही दुःख का अम्बर बन बैठे हैं

जिनके लिए हम कल – कल करती सलिला थे

वे ही हमारे जीवन में दलदल का सागर सजा बैठे हैं

उनकी पीर को हम अपनी पीर समझते हैं

हमारी खुशियों पर नज़र गड़ाकर बैठे हैं

किसको समझाएं , कैसे समझाएं

अपने ही पराये हुए बैठे हैं

ऊपर मन से हमें वो अपना कहते

भीतर ही भीतर घात लगाए बैठे हैं



Rate this content
Log in