endless love
endless love
शाम भी ढलने को है,
मेरी मजबूरी कोई सुनने को तैयार नहीं ....!
लेकिन वो मेरी लाचारी खूब समझता है।
पर वो उसूलों का बड़ा हठी है ।
चाहता तो है मदद का हाथ बढ़ाना,
पर खुद भी मजबूर।
मेरी मित्रता की चाहत है उसे,
पर कभी जताना जानता नहीं।
मेरी बहादुरी पर उसको नाज है,
पर डरता है कहीं मुझे खो न दे।
मालूम है उसे मैं सही हूँ।
पर उसे लगता है कहीं मेरे तरीके गलत है।
वो मेरे सच से अंजान है।
मैंने खो दिये सारे अधिकार है।
पूरी दुनिया मेरे खिलाफ है।
पर वो बचा रहा मुझे लड़कर संसार से।
उसने भी झेले कई आयाम है ।
अब सारे रहस्य से पर्दा हटना है ,
तुम्हें अपने संग ले जाना है
और एक नई दुनिया बसाना है।