मैं अल्प हूँ, अत्यंत हूँ, मैं अंत हूँ, अनंत हूँ...! मैं अल्प हूँ, अत्यंत हूँ, मैं अंत हूँ, अनंत हूँ...!
जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती। जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती।
अंत है नहीं कोई आरंभ, अंत आरंब है आरंभ अंत है यह उलझन सुलझी न कभी। अंत है नहीं कोई आरंभ, अंत आरंब है आरंभ अंत है यह उलझन सुलझी न कभी।