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नविता यादव

Others

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नविता यादव

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एक एहसास

एक एहसास

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हर रिश्ते का कोई नाम हो ये ज़रूरी नहीं

पर ,

दिलों का धड़कना है ज़रूरी

सासों का महकना है ज़रूरी

आंखो में एक बेकरारी है ज़रूरी

मिलने के लिए एक तड़प है ज़रूरी।


बिन कहे सब कह जाना है ज़रूरी

आंखों ही आंखों में सब समझ जाना है ज़रूरी

निभाने के लिए ज़रूरी नहीं, कि एक डोर में बंधना

बस दिलों में एक दूसरे के लिए सम्मान है जरूरी।


दूर रह कर भी हम साथ चल सकते हैं,

एक दूसरे कि ताकत बन मंजिल तक पहुंच सकते हैं

क्या गिला करना जुदाई का,

जब बने ही नहीं हम एक डोर में बधने के लिए।


तू अपने फ़र्ज़ निभा , मैं अपना फ़र्ज़ निभाती हूं,

जब कभी याद आए एक - दूजे की

आंखे बंद कर साथ बिताए लम्हों को,

याद कर हम तुम थोड़ा ,थोड़ा मुस्कुराते हैं।



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