एक बिटिया
एक बिटिया
एक बिटिया शादी करके जब ससुराल जाती है। न जाने कितनी उम्मीदें उसके दिल मैं दम तोड़ जाती है।
एक बिटिया......
ज़िद्द करती है वो जब अपने पापा से किसी बात के लिए वो पूरा करते हैं उसकी हर जिद्द फिर भी इठलाती है।
एक बिटिया.......
सोते हुए जब माँ कभी जगाने आती है। पापा कहते है सोने दो पढ़ते पढ़ते बिटिया थक जाती है। एक बिटिया..........
वही बिटिया ससुराल मै सबका ख़याल रखती है। सबका ख़याल रखते रखते खुद को भूल जाती है।
एक बिटिया..........
याद करती है कभी जब अपने बचपन के दिनों को. सोचते हुए उसकी पलकें भीग जाती है।
एक बिटिया.........
माँ का प्यार और पापा का दुलार जब याद आते है। उनसे मिलने की वो सबसे इजाजत चाहती है। एक बिटिया............
आती है सबसे मिलके और खुश हो जाती है और फिर से उसी दुनिया मै खो जाती है।
एक बिटिया...........
