STORYMIRROR

SNEHA NALAWADE

Others

2  

SNEHA NALAWADE

Others

दूसरा दिन

दूसरा दिन

1 min
444


प्रिय डायरी,

दूसरा दिन

अब ऐसा लगने लगा है वक्त जैसे थम गया है।

सुबह उठते वक्त आंख ही नहीं खुल रही थी

छूटियो में लगता है पूरी आलसी हो जाऊंगी

पर आज सुबह अचानक से मामा जी का फोन आ गया

बस फिर क्या था बात चीत शुरू हो गई,

उनसे बात होने के बाद तुरंत घर के काम में जुट गई

दोपहर होने से पहले ही सारे काम हो गए ,

थोड़ी देर बैठने के बाद खाना बनाना शुरू किया

खाना बनाने के बाद सिर्फ खाने का काम किया,

उसके बाद जैसे सुस्ती आने लगी इसलिए सो गई,

शाम को आँख खुली चाय वैगेरा जरा ली

थोड़ी देर के बाद रात का खाना बनाया शुरू किया

बीच में ही सहेली का फोन आया उससे बात चीत की,

कुछ वक्त के बाद सारा खाना बन गया

फिर वापस खाना खाया और बर्तन धोए,

कुछ वक्त टीवी देखा

उसके बाद दिनचर्या लिखी

और सोने के लिए चली गई।



Rate this content
Log in