STORYMIRROR

Kamal Purohit

Others

3  

Kamal Purohit

Others

दुर्गा माँ

दुर्गा माँ

1 min
271

सिंह चढ़ के आई दुर्गा गीत मंगल बज रहा

घर गली चौराहों पर माँ रूप तेरा सज रहा।


शांत कोमल रूप माँ का शांति देकर जाएगा

सारे ब्रह्मांडो में माँ सम तू न कोई पायेगा।

अस्त्रों शस्त्रों से सजी माँ का ये मुख पंकज रहा।

सिंह चढ़ के आई....।


हे जगतजननी माँ जगदम्बे जगत को तार दे

पापियों से हीन हमको इक नया संसार दे।

नारी नें जब रूप दुर्गा का धरा अचरज रह

सिंह चढ़ के आई ....।



नौ दिनों तक प्यार माँ का ये ज़हाँ बस पाएगा

माँ शरण देगी उसे जो चरणों में जाएगा।

बाद तेरे मंडपों में बस चरण का रज रहा

सिंह चढ़ के आई...।


Rate this content
Log in