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RASHI SRIVASTAVA

Others

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RASHI SRIVASTAVA

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दरो-दीवार

दरो-दीवार

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वो है नहीं

इनसे ही तो

करती हूँ

उसकी बातें।


कैसे छोड़ दूँ

मेरे साथी

दरो-दीवार हैं।


कहीं खोल ना दें

प्यार का,

मेरे

ये राज़ सब पर।


बोलती नहीं कुछ

वैसे तो

समझदार हैं II



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