दर्द
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दर्द को दर्द से ही जीता जाता है
दर्द को कम करने के लिए
दर्द सहना ही होता है
कभी कोई कम सहता है
कभी कोई ज्यादा
पर सहता जरूर है
तभी वो सुकून की सांस लेता है
नहीं तो जिंदा लाश की
तरह भटकता रहता है
रत्ती भर सुकून की तलाश में
जो उसे कभी हासिल नहीं होता