Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shoumeet Saha

Others

5.0  

Shoumeet Saha

Others

दर्द - ए - बेरोज़गार

दर्द - ए - बेरोज़गार

1 min
424


किसी बेरोज़गार को देख दुनिया सोचती है, 

इसे अपनी ज़िन्दगी की कोई फ़िक्र नहीं,

ये तो बस अपने बाप के पैसों पर ऐश

करता है,


इस बेरहम दुनिया को क्या खबर ,

कुछ बेरोज़गारों को किस दौर से

गुज़ारना पड़ता है बेरोज़गार

चंद पैसों के लिए अपने सारी चहातों को 

क़ुर्बान कर देते है, फिर भी दुनिया

पूछती है उनसे,

तुमने आज तक क़ुर्बान किया क्या है?


दो वक़्त की रोटी नसीब हो जाये 

इसीलिए हर रोज़ 

कोई भी काम करने लग जाते है यह,

फिर भी बेरहम दुनिया पूछती है उनसे, 

तुमने आज तक किया क्या है?


अपनी सारी ख्वाहिशें दाँव पे लगा दी 

ताकि परिवार को सहारा दे सके, 

फ़िर भी ये बेरहम दुनिया पूछे,

खुद के सिवाए, दूसरों के लिए 

तुमने आज तक किया क्या है?


सलाह-मशवरा देने के लिए तो

हर कोई बैठा है यहाँ,

पर जब कहे उनसे की 

उनकी सलाह काम न आयी अपने 

तो पूछती है दुनिया 

तुम में इतना गुरूर क्या है?


लाखों अरमानों का गला घोट के 

आ जाते है दूसरे शहर-ओ-मुल्क 

खुद को संवारने के ख़ातिर,

फिर भी बेरहम दुनिया पूछे

तुम्हें उस जगह से रजा क्या है? 


लूट जाते है ये हर रोज़,

कभी लुटाते है ये अपनी ज़रूरतों पर,

खुद को क़ुर्बान कर देते है ये 

ताकि इनके परिवार महफूज़ रह सके,

फिर भी ये बेरहम दुनिया पूछे इनसे, 

तुमने आज तक क़ुर्बान की या क्या है?... 



Rate this content
Log in