दोस्ती
दोस्ती

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बेबाक़ी से बातों को
कह जाना है दोस्ती।
नम आँखों के बावजूद
मुस्कुराना है दोस्ती।।
कभी बिना कुछ कहे
समझ जाना है दोस्ती।
कभी बेवजह रुठकर
मान जाना है दोस्ती।।
अब इससे ज़्यादा और
क्या मिसाल पेश करूं_
ज़िन्दगी का ख़ूबसूरत
नज़राना है दोस्ती।।