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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Others

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Shayra dr. Zeenat ahsaan

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दोस्ती

दोस्ती

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जब से छूटा साथ तुम्हारा याद बहुत तुम आती हो,

मन में कोई उलझन हो तो आके तुम सुलझाती हो।


तेरी यादों की खुशबू से तनमन महका करता है,

तेरी बातों से मन मेरा हरदम चहका करता है।


गांव की गालियां सूनी हो गईं सूने सारे आंगन हैं,

बरसों हो गए फिर भी तुमको साथ में अपने पाती हूं।


खट्टी मीठी आम की कलियां मेले ठेले हाट बाजार,

संग संग साथ में शाला जाते दिल से जुड़ते दिल के तार।


खून के रिश्तों से भी बढ़कर देखो अपना था वो प्यार,

ग़म के बदले खुशियां लेके तुम अब भी आ जाती हो।


सच्चा दोस्त वही है ज़ीनत जो मुश्किल में साथ रहे,

जाती धर्म से उठकर जिए उसमे एसी बात रहे।


बिना स्वार्थ जो करे दोस्ती मित्र वही कहलाता है,

जब से छूटा साथ तुम्हारा याद बहुत तुम आती हो।



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