दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
जिंदगी में एक तोहफा बड़ा अच्छा मिला
मुझे दोस्त मिले
कपड़े-जूते एक-दूसरे के पहनना
ना जाने कौन सी शर्ट
आज भी मेरे पास है उसकी
कंधों में हाथ रखकर एक-दूसरे के
गलियों के चक्कर लगाना
जब खिड़की से झांके अपनी वाली
दूसरों का भाभी-भाभी चिल्लाना,
चल इनविटेशन है शादी का कहके
बिना इनविटेशन की शादी में खाना खाने चले जाना,
और कुछ आए या ना आए
एक-दूसरे को
चल तेरा बाप हूं पापा बोल कहके
एक-दूसरे को चिढ़ाना,
यार के पापा की बाइक पर
हम सवार तीन
भाई जलाएं ऐसे
लगे जैसे आज दिन हो आखरी
जब पहली बार बीयर पी थी साथ में
सवाल एक-दूसरे से ऐसे
अगर नशा हो गया भाई
तो घर कैसे जाएंगे,
अगर कभी हो जाए पंगा मेरा
फट्टू से फट्टू दोस्त मेरा
लड़ने के लिए मेरे लिए
लाइन में मिलता है खड़ा सबसे आगे
बाकी नहीं मालूम मुझे
क्या होते है दोस्त क्या होती है दोस्ती
पर हमारी दोस्ती
कुछ ऐसी ही है!