दिल की बातें
दिल की बातें


रोज़ नई सुबह होती है
रोज़ एक दिन बीत जाता है
जिंदगी यू ही गुज़र जाती है
जाने किस के इन्तजार में....
चमचागिरी किसी की
करने से अच्छा अपने
कर्म सुधारो
ईश्वर के गुणगान करो...
दिल किसी का हमारी
वजह से ना टूटे इसलिए
अपने दिल को खुद ही
तोड़ लेते है हम...
अनमोल होते है वो रिश्ते
जो दिल से निभाये जाते है
दिमाग से नहीं, जहां किसी की
भावनाओं को समझा जाता है....
हर चीज़ में मिलावट हो गयी है
अब तो बस सच्चा प्यार
और ईश्वर की सच्ची
आराधना को छोड़ कर....
बस एक सवाल तुझसे ऐ
जिन्दगी तू इतनी बेवफ़ा
क्यों है तुझसे सब इतने
खफ़ा खफ़ा क्यों है...
धोखा देने वाले तो अपने
होते है उनपर आँख बंद कर
विश्वास करते है इसलिए
धोखा मिलता है....
लिखते थे कभी हम
तुझ को याद कर करके
ज़माने ने हमको शायर
दीवाना नाम दे दिया....
ये दोनों नाम थे तो
बड़े ही ख़ूबसूरत
जो हमको मशहूर
करने लगे थे...
हमको तो गुमनामिओं
में रहना पसंद था
इसलिए हमने लिखना
ही छोड़ दिया....
तेरी यादों को खुद तक
ही रखना चाहते है
तन्हाईयों में तेरी यादों का
साथ प्यार है....
ये ज़माना हमको क्यों
तन्हा रहने नहीं देता
क्यों बार बार हमको
परेशान करता है....
क्यों हमको उन महफ़िलों
की और खींचता है
जो हमको हर पल आँसू
देती है आखिर क्यों....