धूल धक्कड़ का हुआ निपटान
धूल धक्कड़ का हुआ निपटान
अब सब होते जा रहे हैं बेहद ही व्यस्त रे भाई,
दीवाली अब देखो काफ़ी नज़दीक जो आई !
घर - घर में शुरू हो गई दीपावली की तैयारी,
स्वच्छता पड़ रही है गंदगी के ऊपर अब भारी !
लक्ष्मी मैया को खुश करने में सब हैं लग पड़े,
चाहे हों वो घर के जवान या हों बच्चे और बूढ़े !
साफ सफाई लगती है हर किसी को बेहद प्यारी,
कैसे मुंह छुपाकर भाग रही है गंदगी और बीमारी !
बड़े जतन से कर रहे हैं लोग कचरों का निपटान,
स्वच्छता से आती सबके चेहरे पर मधुर मुस्कान !
देखो, गंदगी के लिए बचा नहीं अब कोई स्थान,
धूल व धक्कड़ का अब बचा ना कोई नामो निशान !
दीपावली का संदेश बहुत ही अनोखा व निराला है,
सत्य हमेशा ही जीतता है, सत्य का ही बोलबाला है !