धरती पर सम्मान
धरती पर सम्मान
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तू ही मेरी प्रेरणा,तू ही मेरा मान
तेरे कारण जीता मैने जीवन का संग्राम
पग पग पर बाधाए थी,जीवन कठिन लगा करता था
जिस पर जितना किया भरोसा वो ही मुझे ठगा करता था
अच्छे बुरे की नहीं मुझे थी बिल्कुल भी पहचान
राहों की मुश्किल का तूने पल भर निदान किया
अन्धकार से मुझे निकला, परम सत्य का ज्ञान दिया
तेरे ही कारण पढ़ ली मैने
गीता और कुरान
तुझ से प्रेरित होकर मै तो बढ़ती जाती आगे
तेरे कारण तूफ़ानों को डर भी मुझसे लागे
तेरे कारण मिलता मुझको इस धरती पर सम्मान
