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PIYUSH BABOSA BAID

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PIYUSH BABOSA BAID

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धरती धोरा री (राजस्थान)।

धरती धोरा री (राजस्थान)।

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आओ चलो गाते है राजस्थान की गाथा,

यहां पर है वीर लोगों की वीर कथा,

गर्व है हमें हमारा जुड़ा है इस पावन धरती से नाता,

यहां पर हर दम विजय जीत का परचम लहराता।


राणा कुम्भा राणा सांगा उदय सिंग की धरती कहलाता,

पृथ्वीराज और महाराणा प्रताप हर पल फतेह दिलाता,

इनके किले आज भी राजस्थान की शान बढ़ाता,

बन के कवि सैलेश लोढ़ा हास्य है करवाता।


यहां की भाषा, वेश भूषा हमें है लुभाता,

भोजन की क्या तारीफ करूं मुंह में पानी है लता,

बाजरे की रोटी दाल बाटी हमें खूब है भाता,

लाल पाग पहनकर मूँछों को ताव दे के,

धरती धोरा री हमारे दिल को है छू जाता।


चूरू बाबोसा धाम, लाडनूं, देपालसर, सालासर,

खाटू, रामगढ़, बिसाऊ, सिकर, बीकानेर,

नोखा, जोधपुर, जयपुर, ओसियां जो भी जाता,

पियूष बाबोसा लिख के है बताता,

वो अपना जीवन सुखमय है बनाता।


चूरू का पेड़ा लगाए पार बेड़ा,

जोधपुर का मिर्ची वड़ा जैसे मस्ती का घड़ा,

सादुलपुर का सीटा बड़ा मीठा मीठा,

बीकानेर की बर्फी मुंह में जैसे सोने की असर्फी,

जयपुर की प्याज कचौरी प्यार से करे दिलों की चोरी।


आओ चलो गाते है राजस्थान की गाथा,

यहां पर है वीर लोगों की वीर कथा,

गर्व है हमे हमारा जुड़ा है इस पावन धरती से नाता,

यहां पर हर दम विजय जीत का परचम लहराता।


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